ऐसी अक्षरे

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मंदार शिंदे
Mandar Shinde

Saturday, November 5, 2011

झूठा

चले गए वो प्यार को हमारे झूठा ठहराकर,
मनाने आते तो बता देते ये रुठना झूठमूठ का था।

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