ऐसी अक्षरे

:- कथा
:- कविता
:- लेख
:- अनुवाद
:- हिंदी
:- English
:- संग्रह
:- इतर

मंदार शिंदे
Mandar Shinde

Sunday, January 11, 2015

आज-कल याद कुछ और रहता नहीं

इश्क के मैंने कितने फसाने सुने
हुस्‍न के कितने किस्से कितने पुराने सुने
ऐसा लगता है फिर इस तरह टूट कर
प्यार हमने किया इक जमाने के बाद...
आज-कल याद कुछ और रहता नहीं
एक बस आप के याद आने के बाद...

- आनंद बक्षी


Share/Bookmark

No comments:

Post a Comment