साँस लेते हुए देखा मैंने भी है
हाथ ओ' पैरों और जिस्म को हरकतें
ख़ूब देते हुए देखा मैंने भी है...
अब भले ही ये करते हुए होंठ तुम
दर्द सहते हुए सख़्त सी लेते हो
अब है इतना भी कम क्या तुम्हारे लिए
ख़ूब अपनी समझ में तो जी लेते हो...
~ पीयूष मिश्रा
A blog by Mandar Shinde 9822401246
साँस लेते हुए देखा मैंने भी है
हाथ ओ' पैरों और जिस्म को हरकतें
ख़ूब देते हुए देखा मैंने भी है...
अब भले ही ये करते हुए होंठ तुम
दर्द सहते हुए सख़्त सी लेते हो
अब है इतना भी कम क्या तुम्हारे लिए
ख़ूब अपनी समझ में तो जी लेते हो...
~ पीयूष मिश्रा
Zinda Ho Tum - Piyush Mishra
आ तोड़ दें दीवार अपने बीच जो आयी
चल बाँधते हैं राह दिलों को जोड़नेवाली
प्यार के पुलों से जोड़ेंगे दुनिया सारी
चल बाँधते हैं राह दिलों को जोड़नेवाली
मैं कौन, कौन है तू
मैं ना जानू, जाने ना तू
चल छोड दे यह भेद, ना बनना तू अविचारी
चल बाँधते हैं राह दिलों को जोड़नेवाली
यह हिंदू, वह मुस्लिम क्यूँ है
भेद है कैसा, मानव सारे
जाती या धर्मों से हमको मानवता प्यारी
चल बाँधते हैं राह दिलों को जोड़नेवाली
तूफान, हमको डरातें
दरिया में है उठती लहरें
चल लेकर इसमें नाव अपनी तैरनेवाली
चल बाँधते हैं राह दिलों को जोड़नेवाली
प्यार के पुलों से जोडेंगे दुनिया सारी
चल बाँधते हैं राह दिलों को जोड़नेवाली
Aa Tod De Deewar (Hindi Poem)
मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल
रंग है मेरा जैसे काजल
उडता फिरता आसमान में
धरती पर बरसाऊँ मैं जल
मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल
पेड और पौधे मुझको प्यारे
हरियाले और शीतल न्यारे
इनसे मिलने आऊँगा कल
मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल
मेरा काम है पानी देना
सूखे जग की प्यास बुझाना
नदियों का मैं भर दूँ आंचल
मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल
तुमने जब जब मुझको बुलाया
मैं भी दौडा दौडा आया
रुकने दो अब मुझको दो पल
मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल
- मंदार 9822401246
Main Hoon Badal (Poetry)
MallPractice and The Show - Marathi Play
रंगीत रंगीत कपड्यांतलं
तुझं ताजं ताजं प्रोफाईल पिक
मी हळूच सेव्ह करुन ठेवतो
तुझ्या मोबाईल नंबरपुढं.
तुला दिसतात आकडे फक्त
फेसबुक प्रोफाईलवरच्या
लाईक आणि शेअरचे.
पण तुझ्या त्या रंगांनी खुललेलं
माझं ब्लॅक ऐन्ड व्हाईट फोनबुक
मी तुला कधीच नाही दाखवत.
भीती वाटते...
भीती वाटते चुकून कधी जर
लागलं फोनबुकला बोट तुझं,
तर उडून जातील रंग सारे
फुलपाखराच्या पंखांवरच्या रंगांसारखे.
आणि मागे उरेल फक्त
एक ब्लॅक ऐन्ड व्हाईट फोनबुक,
जिथं नसेल...
रंगीत रंगीत कपड्यांतलं
तुझं ताजं ताजं प्रोफाईल पिक
मी हळूच सेव्ह करुन ठेवलेलं
तुझ्या मोबाईल नंबरपुढं...
- अक्षर्मन
प्रोफाईल पिक
Parting With Words
विश्वास आंधळा अन् ती प्रीत वेडी होती
तुटल्यावरी कळाले रेशीम बेडी होती
- मंदार
#poetry #marathi #sher #love #handwriting
Blind Trust and Mad Love - Marathi Couplet
Swatantryache Gaane (Freedom Song)
I remember this house...
Nobody knows I was there
For a few days -
Locked up and abused
By someone I trusted!
I had to surrender
Or break away
And free myself..
I chose the latter.
Nobody knows how I did it.
Nobody knows I did it!
But I'm glad I did it.
Don't tell anyone -
As I consider you
Someone I trust now...
- Mandar
Broken House (Poem)
They wanted a son -
To keep their family legacy;
To run their business;
To own their property...
The doctors said, No!
I had a weak heart..
And I had only one heart.
But I was also the wife
Of the only son of the family.
I had no choice;
The son was important..
The daughter-in-law wasn't!
- aksharmann
Who Is More Important (Poem)
Gumshuda Kaun (Hindi Poem)
तू गेल्यावर फिके चांदणे, घरपरसूंही सुने-सुके
मुले मांजरापरी मुकी अन् दर दोघांच्या मधे धुके
तू गेल्यावर घरांतदेखिल पाउल माझे अडखळते
आणि आटुनी हवा भवतिची श्वासास्तव मन तडफडते
तू गेल्यावर या वाटेने चिमणीदेखिल नच फिरके
कसे अचानक झाले न कळे सगळे जग परके परके
तू गेल्यावर जडून पनगत लागे पिंपळ हाय गळू
गळ्यांतले मम गाणे झुरते : वाटे मरते हळूहळू
तू गेल्यावर दो दिवसांस्तव जर ही माझी अशी स्थिती
खरीच माझ्या आधी गेलीस तर मग माझी कशी गती?
- बा.भ. बोरकर
Tu Gelyavar - Borkar Poem
The Differences
Don't think too much!
Powered By
Versatile Corporate Solutions
या ब्लॉगवरचे विचार आणि शब्द मुक्त आहेत. तुम्ही वाचा आणि इतरांनाही वाचू द्या. - मंदार