ऐसी अक्षरे

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मंदार शिंदे
Mandar Shinde

Saturday, July 16, 2016

अतरंगी यारी

यारी.. तेरी यारी..
चल माना.. इस बारी
सारी.. मेरी फिक्रें.. तेरे आगे आके हारी
खूब है लगी.. मुझको तेरी बिमारी...

इस बेढंगी दुनिया के संगी
हम ना होते यारा
अपनी तो यारी अतरंगी है रे...
कर बेरंगी शामें हुडदंगी
मस्त-मलंगी यारा
अपनी तो यारी अतरंगी है रे...
अतरंगी रे...

हो... बिन कहे.. ठहरा तू.. हर मोड पर
हो यारा.. मेरे लिए
भूला तू.. खुद की डगर..
ओ यारा.. मेरे लिए
हर कदम.. संग चली.. तेरी यारी

इस बेढंगी दुनिया के संगी
हम ना होते यारा
अपनी तो यारी अतरंगी है रे...
कर बेरंगी शामें हुडदंगी
मस्त-मलंगी यारा
अपनी तो यारी अतरंगी है रे...
अतरंगी रे...

यारी.. तेरी यारी..
चल माना.. इस बारी
सारी.. मेरी फिक्रें.. तेरे आगे आके हारी
खूब है लगी.. मुझको तेरी बिमारी...


गीतः दीपक रमोला / गुरप्रीत सैनी
संगीतः रोचक कोहली
गायकः अमिताभ बच्चन, फरहान अख्तर


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