इश्क और हुस्न की होती न कोई जात प्यारे
दिल से भी जिस्म से भी हम हैं बस इन्सान प्यारे
आरजू सब की है कुछ जिंदगी में कर दिखाएँ
कोई कोशिश करे और कोई बस तकरार प्यारे
दिल से भी जिस्म से भी...
दुख और दर्द तो हैं सब को बराबर में मिले
कोई हर पल हँसे, उम्रभर कोई परेशान प्यारे
दिल से भी जिस्म से भी...
दो हाथ दो पैर दो आँखें हैं सभी को जो मिली
हम जैसा ही कोई कैसे बने फिर भगवान प्यारे
दिल से भी जिस्म से भी...
- मंदार शिंदे 9822401246