ऐसी अक्षरे

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मंदार शिंदे
Mandar Shinde

Wednesday, December 11, 2013

अण्णा का पैगाम, पुराने साथी केजरीवाल के नाम...

तेरी पार्टी में ना रखेंगे कदम, 'आप' के बाप
तेरे सपोर्ट में कुछ कहेंगे ना हम, आज के बाद
तेरी पार्टी में...

मेरा आंदोलन...
मेरा 'आंदोलन' समझ लेना इक जरीया था
तुझको आखिर मिल ही गया जो तेरा 'सपना' था
हम को 'दिल्ली' में ना बुलाना सनम, आज के बाद

फिर से आएंगी...
फिर से आएंगी खबरें मेरे 'अनशन' की
तुम तो मिटींग में रहोगे अपने कॅबिनेट की
ज्यूस भी हम खुद ही पी लेंगे सनम, आज के बाद
तेरे सपोर्ट में कुछ कहेंगे ना हम, आज के बाद


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