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मंदार शिंदे
Mandar Shinde

Sunday, April 16, 2023

Main Hoon Badal (Poetry)

 मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल

रंग है मेरा जैसे काजल

उडता फिरता आसमान में

धरती पर बरसाऊँ मैं जल

मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल


पेड और पौधे मुझको प्यारे

हरियाले और शीतल न्यारे

इनसे मिलने आऊँगा कल

मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल


मेरा काम है पानी देना

सूखे जग की प्यास बुझाना

नदियों का मैं भर दूँ आंचल

मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल


तुमने जब जब मुझको बुलाया

मैं भी दौडा दौडा आया

रुकने दो अब मुझको दो पल

मैं हूँ बादल, मैं हूँ बादल


- मंदार 9822401246



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