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मंदार शिंदे
Mandar Shinde

Monday, June 14, 2010

भ्रम


राजा असे राणी असे, अन्‌ असे गुलाम कुणी
कागदांवर राज्य करीती, लाल कुणी काळे कुणी,
मज नसे भ्रम हा, एक्का मोठा की राजा मोठा
पान असेन मी हुकुमाचे, भले म्हणा दुर्री-तिर्री कुणी.

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1 comment:

  1. Hi Mandar
    Just happened to see Nandan Nilekani and Parikrama school speeches on TED. You have done amazing job, I must say.
    Hats of to people at TED and you, my friend.

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